स्कूल समय सारिणी पर फिर विवाद: स्थायी शासनादेश को दरकिनार करने पर शिक्षक संघ ने जताई आपत्ति, भ्रम की स्थिति दूर करने की मांग

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बिलासपुर 1 अगस्त 2025। छत्तीसगढ़ में शनिवार को शाला संचालन के समय को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। लोक शिक्षण संचालनालय और एससीईआरटी द्वारा जारी नवीन निर्देशों ने स्थायी शासनादेश को दरकिनार कर राज्य भर के शिक्षकों और शालाओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर दी है। शालेय शिक्षक संघ ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए स्थायी आदेशों के अनुरूप शनिवार को सुबह की पाली में ही शाला संचालन की मांग की है।हाल ही में लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी आदेश में एससीईआरटी के वार्षिक शाला कैलेंडर और समय-सारिणी को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें शनिवार को भी सामान्य दिनों की तरह सुबह 10 से शाम 4 बजे तक स्कूल चलाने का उल्लेख है। इससे शिक्षकों और स्कूलों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है, क्योंकि इससे पहले सरकार ने शनिवार को सुबह 7:30 से 11:30 बजे तक शाला संचालन का स्थायी आदेश जारी किया था

छ ग़ शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के उप प्रांताध्यक्ष डॉ आर पी कश्यप ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल पाठ्यक्रम की पूर्ति नहीं, बल्कि बच्चों का सर्वांगीण विकास है, और इसके लिए शनिवार को सुबह 7:30 से 11:30 बजे तक का समय सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने बताया कि लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा 22 जुलाई 2025 को एक आदेश जारी कर एससीईआरटी के वार्षिक शाला कैलेंडर व समय-सारणी को लागू करने का निर्देश दिया गया है। इसमें शनिवार को भी सप्ताह के अन्य दिनों की तरह ही 10 से 4 बजे तक शाला संचालन निर्धारित किया गया है, जिससे 7 साल पहले की तरह ही भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है।स्थायी आदेश को दरकिनार कर भ्रम की स्थिति

डॉ  कश्यप ने बताया कि वर्ष 2018 में शासन द्वारा आदेश क्रमांक एफ 5-39/2017/20/तीन दिनांक 01/09/2018 के तहत शनिवार को सुबह की पाली में शाला संचालन का स्थायी निर्देश दिया गया था, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों के योग, प्राणायाम और व्यक्तित्व विकास हेतु गतिविधियों को बढ़ावा देना था।परंतु DPI और SCERT द्वारा हाल ही में जारी निर्देशों से पूर्व की स्पष्टता समाप्त हो गई है और प्रदेश की समस्त शालाओं में असमान संचालन व्यवस्था देखने को मिल रही है।

प्रांताध्यक्ष डॉ गिरीश केशकर ने कहा कि वर्ष 2018 में एफ 5-39/2017/20/तीन, दिनांक 01/09/2018 के माध्यम से एक स्थायी शासनादेश जारी किया गया था, जिसमें शनिवार को सुबह की पाली में शाला संचालन सुनिश्चित किया गया था। यह आदेश शिक्षक संगठनों के लंबे संघर्ष के बाद आया था, जिसने वर्षों से चल रहे विवाद और भ्रम को समाप्त कर दिया था। लेकिन अब SCERT और संचालनालय द्वारा जारी नए निर्देशों ने उसी पुराने विवाद को फिर से जन्म दे दिया है।

शिक्षक संघ की मांग: स्पष्ट आदेश जारी कर समाप्त हो भ्रम

SCERT का कैलेंडर शनिवार को भी सामान्य दिन की तरह संचालन का सुझाव दे रहा जबकि स्थायी शासनादेश के अनुसार शनिवार को सुबह की पाली में संचालन तय है

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