तेलंगाना के दुशार्ला सत्यनारायण अपनी 70 एकड़ पुश्तैनी जमीन को प्राकृतिक जंगल में बदलने के मिशन में जुटे हुए हैं। उन्होंने इस भूमि को हरियाली और जैव विविधता से समृद्ध करने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है।
आज उनके इस जंगल में असंख्य दुर्लभ पेड़-पौधे और विलुप्तप्राय जीवों की प्रजातियां बसने लगी हैं। यह पहल न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की मिसाल है, बल्कि प्रकृति के प्रति सच्चे प्रेम और समर्पण का अद्भुत उदाहरण भी है।






